मुझसे वादा करो तो निभाया करो

on Wednesday 5 September 2012
यूँ न मुझको सनम तुम सताया करो
मुझसे वादा करो तो निभाया करो

दर्द दिल में छुपाने से क्या फाएदा
हे अगर इश्क तो फिर जताया करो

क्या तुम्हारे हे दिल में मुझे हे पता
यूँ न मुझसे बहाने बनाया करो

चाहते  हो  अगर  छोड़  दूं  मैक़शी 
आप  अपनी  नज़र  से  पिलाया  करो 

इस तरह मिलने में कुछ खसारा नहीं
तुम मेरे ख़ाब में रोज़ आया करो

तुमको रोते हुए देख सकता नहीं
यूँ न आंसू सनम तुम बहाया करो

ज़िन्दगी   का  सनम  कुछ  भरोसा  नहीं
जब  मिलो  प्यार  से  पेश   आया   करो 

हम मिलेंगे खुदा पे भरोसा रखो
हाथ अपने दुआ में उठाया करो

कोन जाने हकीकत खुदा के सिवा
उँगलियाँ यूँ न सब पर उठाया करो

मेरी उल्फत पे तुमको यकीं आएगा
अपने हसरत को तुम आजमाया करो

अब तो साए भी अपने डराने लगे

on Tuesday 4 September 2012
फिर से गुजरे वो पल याद आने लगे
भूल जाने में जिनको  ज़माने लगे

हैं वही शोखियाँ है वही बांकपन
जितने मंज़र हैं सारे पुराने लगे

कोनसी शै हे जिसपर भरोसा करें
अब तो साए भी अपने डराने लगे

उनको खुशियाँ मिलीं हे ख़ुदा का करम
हाथ अपने ग़मों के खजाने लगे

अपनी हसरत बताने  जिन्हें आये थे
वो तो अपना ही मुज़्दा सुनाने लगे 

असर कर गयी

उसकी पहली नज़र ही असर कर गयी
एक पल में ही दिल में वो घर कर गयी

हर गली कर गयी हर डगर कर गयी
मुझको रुसवा तेरी इक नज़र कर गयी

मैंने देखा उसे देखता रह गया
मुझको खुद से ही वो बेखबर कर गयी

साथ चलने का तो मुझसे वादा किया
वो तो तन्हा ही लेकिन सफ़र कर गयी

जिस घडी पड़ गयी इक नज़र यार की
एक ज़र्रे को शम्सो कमर कर गयी

हमने मांगी थी 'हसरत' जो रब से दुआ
वो दुआ अब यक़ीनन असर कर गयी

ठोकरें ज़माने की

ये सज़ा मिली मुझको तुमसे दिल लगाने की
मिल रही हें बस मुझको ठोकरें ज़माने की

फैसला हे ये मेरा मैं तुम्हें भुला दूंगा
तुमको भी इजाज़त हे मुझको भूल जाने की

ख़ाब अब मुहब्बत के मैं कभी न देखूँगा
ताब ही नहीं मुझमे फिर से ज़ख्म खाने की

रह गयी उदासी हीअब तो मेरे हिस्से में
अब वजह नहीं कोई मेरे मुस्कुराने की

वो चले गए लेकिन हम न कुछ भी कह पाए
दिल में रह गयी हसरत हाले दिल बताने की

आँखों में भरे खूँ

आँखों में भरे खूँ लिए तलवार खड़ा है
करने को मुझे कत्ल मेरा यार खडा है .

आ जाये सुकूँ दिल को तू कुछ ऐसी दुआ दे 
चोखट पे तेरी आज ये बीमार खडा है
.
जाने दे मुझे मौत की आगोश मे हमदम
क्योँ बनके मेरी राह मे दीवार खडा है
.
मरकर ही सही  आज ये एजाज मिला तो
करने को मेरा आज वो दीदार खडा है
.
गर मुझको मिटाने का वो रखते हें इरादा
हसरत भी फना होने को तय्यार खडा है.