जब मेरी जीस्त में उनका आना हुआ
वादिये दिल का मौसम सुहाना हुआ
जब से वो बस गए आके दिल में मेरे
दिल मेरा इक हसीं आशियाना हुआ
कब से दिल को बचाकर रखा था मगर
उनकी नज़रों का पल में निशाना हुआ
बदले बदले से वो मुझको आये नज़र
जब से ग़ैरों के घर आना जाना हुआ
इस क़दर गिर गया वो नज़र से मेरी
अब तो मुश्किल ये रिश्ता निभाना हुआ
वो भी क्या दिन थे जब साथ थे वो मेरे
अब तो हसरत ये किस्सा पुराना हुआ