इन आँखों से आंसू निकलते निकलते
कटी रात करवट बदलते बदलते
मोहब्बत हे मुझसे तो कह दो किसी दिन
इशारे से छत पर टहलते टहलते
मोहब्बत की राहों में कांटे मिलेंगे
उठाना क़दम तुम संभलते संभलते
यकीं हे मुझको के इक रोज़ खुद ही
बहल जायेगा दिल बहलते बहलते
मेरी याद जब जब सताएगी हसरत
वो रोयेंगे आँखें मसलते मसलते