अब तो पूरी ये आरजू कर दे
मैँरे दामन मे तू खुशी भर दे
दर्द देकर तू अपनी चाहत का
मुझको उल्फत से आशना कर दे
कब से हैं मुंतज़िर मेरी आखें
इन चिरागोँ मेँ रोशनी भर दे
चँद कतरोँ से अब मैँरी हरगिज
प्यास बुझती नहीँ समँदर दे
या खुदा अब तो उनके कूचे मेँ
खत्म हसरत की जिन्दगी कर दे