तुम्हारा नाम ले लेकर

on Thursday 25 August 2016
१२२२ १२२२ १२२२ १२२२ 

हमारा दिल धड़कता है तुम्हारा नाम ले लेकर 
कोई अरमां मचलता है तुम्हारा नाम ले लेकर 

तुम्हारे ही तख़य्युल में गुज़र जाती है शब् सारी 
हमारा दिन निकलता है तुम्हारा नाम ले लेकर 

दिल ए  बेकल को समझाना बहुत मुश्किल हुआ अब तो 
कलेजे से निकलता है तुम्हारा नाम ले लेकर 

ये आशिक़ है इसे ज़ुल्फों के साये में छिपा लीजे 
दीवाना है संभालता है तुम्हारा नाम ले लेकर 

मुक़द्दर की बुलंदी ने बनाया ........  तुमको 
हमारा काम चलता है तुम्हारा नाम ले लेकर 

तुम्हें अपना बनाने की क़सम खाई है हसरत ने 
दुआ में हाथ मलता है तुम्हारा नाम ले लेकर 



तख़य्युल ----ख़याल 
फैज़िया -----क़ामयाब 
बेकल -------बैचेन 

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