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ख़िलाफ़त में मेरे हवा चल रही है।
मगर साथ मां की दुआ चल रही है।।
ये दिल मुंतज़िर है ख़ुशी के लिए पर।
ख़ुशी मुझसे मेरी ख़फ़ा चल रही है।।
अभी तर हैं अश्क़ों से आंखें ये मेरी।
तो ग़ुरबत भी मुझ पे फ़िदा चल रही है।।
अभी इश्क़ की कुछ हरारत हुई है।
अभी मेरे दिल की दवा चल रही है ।
तुम्हारे बिना दिल का गुलशन हे सूना
गुलों से भी खुशबू जुदा चल रही है !!
मुहब्बत में दिल का ये आलम है "हसरत"।
यूं लगता है जैसे सज़ा चल रही है।।
ख़िलाफ़त में मेरे हवा चल रही है।
मगर साथ मां की दुआ चल रही है।।
ये दिल मुंतज़िर है ख़ुशी के लिए पर।
ख़ुशी मुझसे मेरी ख़फ़ा चल रही है।।
अभी तर हैं अश्क़ों से आंखें ये मेरी।
तो ग़ुरबत भी मुझ पे फ़िदा चल रही है।।
अभी इश्क़ की कुछ हरारत हुई है।
अभी मेरे दिल की दवा चल रही है ।
तुम्हारे बिना दिल का गुलशन हे सूना
गुलों से भी खुशबू जुदा चल रही है !!
मुहब्बत में दिल का ये आलम है "हसरत"।
यूं लगता है जैसे सज़ा चल रही है।।